•२ वर्ष
शेयर इंटियल पब्लिक ऑफर (IPO) से पहले क्यों निवेश करें?
प्रोज़:
- उच्च रिटर्न की संभावना: स्टार्टअप में निवेश करके, निवेशक विचार कर सकते हैं कि वह मुनाफा बहुत उच्च प्राप्त कर सकते हैं। यदि कंपनी अच्छी प्रदर्शन करती है और उसकी शेयर मूल्य में बहुत बढ़ोतरी होती है, तो निवेशक अपने निवेश पर उच्चतम मुनाफा कमा सकते हैं जो कंपनी की IPO में निवेश करने वाले व्यक्ति से बहार के होते हैं।
- लॉन्ग टर्म में संपत्ति बनाने का मौका: प्री-IPO निवेश निवेशकों को एक ऐसी कंपनी में निवेश करने की अनुमति देता है जो उच्चतम पीडी पर है, उन्हें समय के पश्चात बहुत बड़ी संपत्ति बनाने की संभावना होती है।
- बाद में वित्त निवेशकों के मुकाबले प्राथमिकता: प्री-IPO निवेशकों को शेयरों की बिक्री से उपजाऊ कोई लाभ बाँटने का अधिकार होता है और उन्हें IPO होने से पहले अपने हन्द में बेचने की अनुमति होती है।
- सार्वजनिक रूप से व्यापारिक कंपनियों का अग्र प्रभाव और आकर्षित करना: प्री-IPO निवेशक पहले से ही सार्वजनिक रूप से व्यापारिक कंपनियों पर प्रभाव और आकर्षित कर सकते हैं।
- न्यूनतम वापसी की संभावना: प्री-IPO निवेश से जुड़े सबसे बड़ी खतरा यह है कि इसमें कोई गारंटी नहीं होती है कि स्टॉक अच्छा प्रदर्शन करेगा। यदि IPO विफल हो जाए और कंपनी के शेयरों की मांग न हो, तो निवेशकों को यह वापसी नहीं मिल सकती जो उम्मीद करते हैं।
- उच्चतम खतरा: प्री-IPO कंपनी में निवेश करना उच्चतम खतरा लेकर आ सकता है। पहली बात तो यह है कि कंपनी कभी सार्वजनिक नहीं हो सकती है या लिक्विडिटी घटना न हो सके। एक ऐसी कंपनी जो हालांकि अभी भी सार्वजनिक बाजारों पर नहीं खोल चुकी है, उसकी पारदर्शिता किसी पहले से ही ट्रेड करने वाली कंपनी की तरह नहीं होती है।
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- उच्च रिटर्न की संभावना: स्टार्टअप में निवेश करके, निवेशक विचार कर सकते हैं कि वह मुनाफा बहुत उच्च प्राप्त कर सकते हैं। यदि कंपनी अच्छी प्रदर्शन करती है और उसकी शेयर मूल्य में बहुत बढ़ोतरी होती है, तो निवेशक अपने निवेश पर उच्चतम मुनाफा कमा सकते हैं जो कंपनी की IPO में निवेश करने वाले व्यक्ति से बहार के होते हैं।
- लॉन्ग टर्म में संपत्ति बनाने का मौका: प्री-IPO निवेश निवेशकों को एक ऐसी कंपनी में निवेश करने की अनुमति देता है जो उच्चतम पीडी पर है, उन्हें समय के पश्चात बहुत बड़ी संपत्ति बनाने की संभावना होती है।
- बाद में वित्त निवेशकों के मुकाबले प्राथमिकता: प्री-IPO निवेशकों को शेयरों की बिक्री से उपजाऊ कोई लाभ बाँटने का अधिकार होता है और उन्हें IPO होने से पहले अपने हन्द में बेचने की अनुमति होती है।
- सार्वजनिक रूप से व्यापारिक कंपनियों का अग्र प्रभाव और आकर्षित करना: प्री-IPO निवेशक पहले से ही सार्वजनिक रूप से व्यापारिक कंपनियों पर प्रभाव और आकर्षित कर सकते हैं।
- न्यूनतम वापसी की संभावना: प्री-IPO निवेश से जुड़े सबसे बड़ी खतरा यह है कि इसमें कोई गारंटी नहीं होती है कि स्टॉक अच्छा प्रदर्शन करेगा। यदि IPO विफल हो जाए और कंपनी के शेयरों की मांग न हो, तो निवेशकों को यह वापसी नहीं मिल सकती जो उम्मीद करते हैं।
- उच्चतम खतरा: प्री-IPO कंपनी में निवेश करना उच्चतम खतरा लेकर आ सकता है। पहली बात तो यह है कि कंपनी कभी सार्वजनिक नहीं हो सकती है या लिक्विडिटी घटना न हो सके। एक ऐसी कंपनी जो हालांकि अभी भी सार्वजनिक बाजारों पर नहीं खोल चुकी है, उसकी पारदर्शिता किसी पहले से ही ट्रेड करने वाली कंपनी की तरह नहीं होती है।
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