•३ वर्ष
क्या वर्तमान में "अजीब समय" हैं या "अजीब लोग"? या शायद मामला सामान्य है, ऐसा क्योंकि?
लोग इस आसपासी वास्तविकता को विभिन्न ढंग से परिभाषित करते हैं। कुछ लोग "अजीब समयों" के बारे में बोलते हैं, जबकि दूसरे "अजीब लोगों" पर ध्यान देते हैं। "अजीब समयों" की कथाएं राजनीतिक-आर्थिक कारणों, नियमों की अस्पष्टता, चालाकी के बारे में बताती हैं, जबकि "अजीब लोगों" की कथाएं नैतिकता की अभाव, मूर्खता, गंवारपन और जिम्मेदारी की कमी दर्शाती हैं। तुम्हारे अनुसार कैसा है? या शायद सामान्य है, यानी कैसे?
लोग इस आसपासी वास्तविकता को विभिन्न ढंग से परिभाषित करते हैं। कुछ लोग "अजीब समयों" के बारे में बोलते हैं, जबकि दूसरे "अजीब लोगों" पर ध्यान देते हैं। "अजीब समयों" की कथाएं राजनीतिक-आर्थिक कारणों, नियमों की अस्पष्टता, चालाकी के बारे में बताती हैं, जबकि "अजीब लोगों" की कथाएं नैतिकता की अभाव, मूर्खता, गंवारपन और जिम्मेदारी की कमी दर्शाती हैं। तुम्हारे अनुसार कैसा है? या शायद सामान्य है, यानी कैसे?
Show original content
4 users upvote it!
7 answers