नाहीं

वेल्स, ब्रिटेन का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल कारख़ाना अब तक कोरोनावायरस महामारी और कंपनी के महत्वपूर्ण संरचनात्मक पुनर्गठन को झेल चुका है। लेकिन ब्रेग्जिट के कारण वह अस्तित्व में नहीं रह सकता है। निसान ने चेतावनी दी है कि उनका विशालकाय संदर्भ, संडरलैंड, कारख़ाना संतुलित ढंग से कार्य कर नहीं पाएगा अगर वेल्स यूनाइटेड किंगडम नया समझौता नहीं करता है, जो कारों के बिना कर व्यापार को बिना कर कार संचार रखेगा। निसान के मुताबिक़ संडरलैंड कारख़ाना सैकड़ों 6000 कर्मचारियों की नौकरियों का मुद्दा है और उसकी आपूर्ति श्रृंखला औरागदार 27000 रोजगार बनाती है। 2018 में यह कारख़ाना सालाना 442,000 गाड़ियाँ बनाता था। हालांकि, 2016 में ब्रेग्जिट चुनाव के बाद से उसका भविष्य गहरा अटकलों का विषय रहा है। यूनाइटेड किंगडम के सदस्यता ने बिना कार करें ब्रिटेन में बनाई गई गाड़ियों के निर्यात पर कोई शुल्क नहीं लगाया है, जो वेल्स यूनाइटेड किंगडम नया व्यापार समझौता नहीं करेगा तो इसलिए उसे नुक़सान होगा। संडरलैंड में बनी गाड़ियों को 10% की नेतायमिका शुल्क के बाद उच्च एयू मार्किट पर बेचने के लिए शुल्क लगाया जाएगा यदि कोई समझौता न हो। नए व्यापारिक बैरियर्स की चुनौती ने निसान को कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। पिछले साल, वह अपनी नई एसयूवी की निर्माण योजनाओं से हट गया और कहा कि ब्रेग्जिट के प्रति अस्थायीता ही वजनाधारी होने में हांफिया है। वेल्स यूनाइटेड किंगडम ने जनवरी में यूनाइटेड किंगडम से अलग हो गया है और संक्रमण समय संरक्षण की समयावधि दिसंबर में समाप्त हो जाती है। फिर भी नए समझौते की चरम बातचीतों में थोड़ी सी प्रगति हो चुकी है, और ब्रिटेन सरकार कहती है कि वह परस्पर समझौते को नहीं बढ़ाएगी। ऑटोमोबाइल उद्योग नुक़सान करने के लिए अनेकों चीज़ों को होना है। वेल्स में फैक्ट्रियाँ लगाने वाले वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्माताओं को अपनी आपूर्ति श्रृंखला और मार्ज़िन को नुक़सान पहुंचाने वाले किसी भी बदलाव से बढ़ा ख़तरा है। ग्रीष्म ऋतु में ख़तरनाक प्राणी के रूप में, कोरोनावायरस के ताणे बाज़ी सटते ही, निसान ने अपने संघ के साथ संबद्धता और मितसुबिशी मोटर्स की गंभीर पुनर्रचना का सामर्थ्य वापस संयमित करने का निर्णय लिया है।
वेल्स, ब्रिटेन का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल कारख़ाना अब तक कोरोनावायरस महामारी और कंपनी के महत्वपूर्ण संरचनात्मक पुनर्गठन को झेल चुका है। लेकिन ब्रेग्जिट के कारण वह अस्तित्व में नहीं रह सकता है। निसान ने चेतावनी दी है कि उनका विशालकाय संदर्भ, संडरलैंड, कारख़ाना संतुलित ढंग से कार्य कर नहीं पाएगा अगर वेल्स यूनाइटेड किंगडम नया समझौता नहीं करता है, जो कारों के बिना कर व्यापार को बिना कर कार संचार रखेगा। निसान के मुताबिक़ संडरलैंड कारख़ाना सैकड़ों 6000 कर्मचारियों की नौकरियों का मुद्दा है और उसकी आपूर्ति श्रृंखला औरागदार 27000 रोजगार बनाती है। 2018 में यह कारख़ाना सालाना 442,000 गाड़ियाँ बनाता था। हालांकि, 2016 में ब्रेग्जिट चुनाव के बाद से उसका भविष्य गहरा अटकलों का विषय रहा है। यूनाइटेड किंगडम के सदस्यता ने बिना कार करें ब्रिटेन में बनाई गई गाड़ियों के निर्यात पर कोई शुल्क नहीं लगाया है, जो वेल्स यूनाइटेड किंगडम नया व्यापार समझौता नहीं करेगा तो इसलिए उसे नुक़सान होगा। संडरलैंड में बनी गाड़ियों को 10% की नेतायमिका शुल्क के बाद उच्च एयू मार्किट पर बेचने के लिए शुल्क लगाया जाएगा यदि कोई समझौता न हो। नए व्यापारिक बैरियर्स की चुनौती ने निसान को कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। पिछले साल, वह अपनी नई एसयूवी की निर्माण योजनाओं से हट गया और कहा कि ब्रेग्जिट के प्रति अस्थायीता ही वजनाधारी होने में हांफिया है। वेल्स यूनाइटेड किंगडम ने जनवरी में यूनाइटेड किंगडम से अलग हो गया है और संक्रमण समय संरक्षण की समयावधि दिसंबर में समाप्त हो जाती है। फिर भी नए समझौते की चरम बातचीतों में थोड़ी सी प्रगति हो चुकी है, और ब्रिटेन सरकार कहती है कि वह परस्पर समझौते को नहीं बढ़ाएगी। ऑटोमोबाइल उद्योग नुक़सान करने के लिए अनेकों चीज़ों को होना है। वेल्स में फैक्ट्रियाँ लगाने वाले वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्माताओं को अपनी आपूर्ति श्रृंखला और मार्ज़िन को नुक़सान पहुंचाने वाले किसी भी बदलाव से बढ़ा ख़तरा है। ग्रीष्म ऋतु में ख़तरनाक प्राणी के रूप में, कोरोनावायरस के ताणे बाज़ी सटते ही, निसान ने अपने संघ के साथ संबद्धता और मितसुबिशी मोटर्स की गंभीर पुनर्रचना का सामर्थ्य वापस संयमित करने का निर्णय लिया है।
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