5 मई। विकलांग लोगों के भेदभाव के खिलाफ लड़ाई का दिन।

हर साल 5 मई को हम यूरोप में अपंग व्यक्तियों के खिलाफ लड़ाई का दिन मनाते हैं। पोलैंड में यह भी अपंगता वाले व्यक्ति की मर्यादा का दिन है। अधिकारिकरण फ़्रांस में शुरू हुआ था 90 के दशक के पहले। पहले समारोह का प्रमुख विषय Rendez-vous de la Dignité (‘सम्मान का संवाद’) था। यह अद्वितीय अवसर है कि हर व्यक्ति को दिखाएं कि हर किसी को सामाजिक, पारिवारिक और व्यावसायिक जीवन में सक्रिय भाग लेने का बराबर अधिकार है। विभिन्न प्रकार की अपंगताओं वाले व्यक्तियों के लिए स्वतंत्र संचालन को कठिन बनाने वाली बाधाएं और सीमाएं अपंगता का परिणाम नहीं हैं, बल्कि हमारे घेरे चावल की निरंतर परिवर्तन की चुनौती हैं। इस त्योहार का उद्देश्य नौकरी, कार्यालयों और दैनिक जीवन में अपंग व्यक्तियों के खिलाफ भेदभाव का विरोध व्यक्त करने का अवसर भी हो।

हर साल 5 मई को हम यूरोप में अपंग व्यक्तियों के खिलाफ लड़ाई का दिन मनाते हैं। पोलैंड में यह भी अपंगता वाले व्यक्ति की मर्यादा का दिन है। अधिकारिकरण फ़्रांस में शुरू हुआ था 90 के दशक के पहले। पहले समारोह का प्रमुख विषय Rendez-vous de la Dignité (‘सम्मान का संवाद’) था। यह अद्वितीय अवसर है कि हर व्यक्ति को दिखाएं कि हर किसी को सामाजिक, पारिवारिक और व्यावसायिक जीवन में सक्रिय भाग लेने का बराबर अधिकार है। विभिन्न प्रकार की अपंगताओं वाले व्यक्तियों के लिए स्वतंत्र संचालन को कठिन बनाने वाली बाधाएं और सीमाएं अपंगता का परिणाम नहीं हैं, बल्कि हमारे घेरे चावल की निरंतर परिवर्तन की चुनौती हैं। इस त्योहार का उद्देश्य नौकरी, कार्यालयों और दैनिक जीवन में अपंग व्यक्तियों के खिलाफ भेदभाव का विरोध व्यक्त करने का अवसर भी हो।

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