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मेरी "रोज़ाना की प्रार्थना"

दस साल पहले "मैं किनारे पर था" जैसी एक बात जो मुझे सहारा देने में मदद करने वाली थी वह मेरे सामने आने वाले संभावित संकटों के साथ व्यवहार (निर्मम) थी जैसे कि नीचे दी गई लक्ष्यवाद के अनुसार:

"प्रभु, मुझे मन की शांति प्रदान करें,

जिसको मैं बदल नहीं सकता, उसको स्वीकार करूं,

उसको बदल सकता हूँ, उसे बदलने के लिए साहस दें,

और बीच बिखेरे हुए दो चीजों को अलग करने के लिए ज्ञान दें।"

रेनहोल्ड नीबुर (1892-1971) अमेरिकी धार्मिक, प्रोटेस्टेंट, धर्म समाजशास्त्रज्ञ।

दस साल पहले "मैं किनारे पर था" जैसी एक बात जो मुझे सहारा देने में मदद करने वाली थी वह मेरे सामने आने वाले संभावित संकटों के साथ व्यवहार (निर्मम) थी जैसे कि नीचे दी गई लक्ष्यवाद के अनुसार:

"प्रभु, मुझे मन की शांति प्रदान करें,

जिसको मैं बदल नहीं सकता, उसको स्वीकार करूं,

उसको बदल सकता हूँ, उसे बदलने के लिए साहस दें,

और बीच बिखेरे हुए दो चीजों को अलग करने के लिए ज्ञान दें।"

रेनहोल्ड नीबुर (1892-1971) अमेरिकी धार्मिक, प्रोटेस्टेंट, धर्म समाजशास्त्रज्ञ।

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